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विदेशों में अपनी कठपुतली कला से प्रशंसा पा चुके रमेश रावल भारत में पप्पेटरी थिएटर को आगे बढ़ाना चाहते हैं
- Autor: Vários
- Narrador: Vários
- Editor: Podcast
- Duración: 0:06:53
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Sinopsis
गुजरात में अहमदाबाद के रहने वाले 70 वर्षीय रमेश रावल जब भी अपने घर में बक्से को खोल कर देखते हैं तो आँखे नम हो जाती हैं। इन बक्सों में इनकी 40 सालों की मेहनत हैं, लगभग 3000 पपेट या कठपुतलियां जो इन्होने बनायीं हैं वो रखी हुई हैं. इस उम्मीद के साथ कि कभी इनके कद्रदान भी आएंगे। तंगहाली में अपना जीवन जीते हुए भी रमेश जी ने कठपुतलियों का साथ नहीं छोड़ा है। रमेश रावल एक पपेट आर्टिस्ट हैं।